बड़े शहरों में छोटे गाँव और कस्बों से आए लोगों के लिए जीवन कितना कठिन?
बड़े शहरों की चमक-धमक दूर से बहुत आकर्षक लगती है, लेकिन जब कोई छोटे गाँव या कस्बे से आकर यहां बसने की कोशिश करता है, तो उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। रोजगार, शिक्षा, और बेहतर जीवनशैली की तलाश में लोग अपने गाँवों को छोड़कर महानगरों की ओर रुख करते हैं, लेकिन यह सफर आसान नहीं होता। आइए जानते हैं कि एक छोटे शहर या गाँव से आए व्यक्ति को बड़े शहरों में रहने में किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 1. रहने की समस्या और महंगाई बड़े शहरों में किराए के मकान ढूंढना ही एक बहुत बड़ी चुनौती होती है। खासकर, जब किसी के पास ज्यादा पैसे न हों, तो उसे सस्ते लेकिन असुविधाजनक इलाकों में रहना पड़ता है। गांवों और छोटे कस्बों में जहां घर का किराया बहुत कम होता है, वहीं बड़े शहरों में एक छोटे से कमरे का भी हजारों रुपये किराया देना पड़ता है। इसके अलावा, बिजली, पानी, खाना और यात्रा का खर्च भी बहुत ज्यादा होता है, जिससे कम आमदनी वालों के लिए जीवन यापन मुश्किल हो जाता है। 2. नौकरी ढूंढना और जीवन यापन गांवों और छोटे कस्बों में लोग ज्यादातर खेती या छोटे-मोटे धंधों पर निर्भर रहते हैं, लेकिन बड...